उत्तर:- किसी कार्मिक की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो गई है तो Ddo को अनपे स्तर पर निम्न कार्य प्रथमिकता से पूर्ण करने चाहिये ।
(1) सर्व प्रथम कार्मिक के परिवार से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करे।
(2) मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर नियुक्ति अधिकारी से उनकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी करवावे।
(3) सेवा समाप्ति के आदेश प्राप्त होने पर शाला दर्पण से उनको डेथ का कारण चयन कर कार्य मुक्त करे।
(4) कार्मिक के घर पर रिजिस्टर्ड पत्र द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति चाहते है तो इस बाबत आवेदन पत्र 90 दिन की सीमा में प्रस्तुत करने का निवेदन करे यदि इसके साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन पत्र की कॉपी संलग्न कर देते है तो उनको सुविधा रहेगी।
(5) Ddo लॉगिन से sipf पोर्टल से कार्मिक के राज्य बीमा एवं GPF के डेथ क्लेम ऑन लाइन सबमिट कर सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर प्रकरण Sipf office में भेजे। क्लेम का भुगतान नॉमिनी को होगा अतः कार्मिक के नॉमिनी की sipf पर बैंक डिटेल्स अपडेट नही है तो Ddo लॉगिन से पहले नॉमिनी की बैंक डिटेल्स को अपडेट कर लेवे।
(6) Nps कार्मिक है तो nps राशि के डेथ क्लेम का निर्धारित आवेदन पत्र भर कर sipf आफिस में जमा करवावे।
(7) वेतन से LIC की कटौती है तो मृतक के LIC क्लेम के आवेदन पत्र को भरवा कर LIC का क्लेम अजमेर कार्यालय( सेलेरी शाखा) में भेजे।
(8) यदि कार्मिक की किसी दुर्घटना में मृत्यु हुई है तो दुर्घटना बीमा राशि के क्लेम का निर्धारित आवेदन पर मय समस्त दस्तावेज संलग्न कर प्रकरण sipf आफिस में जमा करावे।
(9) पारिवारिक पेंशन एवम ग्रेच्यूटी के भुगतान हेतु निर्धारित पेंशन कुलक मय सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर प्रकरण ऑफ लाइन अपने Cbeo के माध्यम से पेंशन विभाग को भेजे।
(10) शिक्षा विभाग के कार्मिक है तो मृत्यु पर हितकारी निधि एवम शिक्षक कल्याण कोष से भी आर्थिक सहायता मिलती है इस बाबत निर्धारित आवेदन पत्र भर कर उचित माध्यम से निदेशालय बीकानेर को प्रकरण अग्रेषित करे।
(11) PPO जारी होने के बाद 2071 हेड में बकाया जमा PL का बिल पे मैनेजर से बना कर भुगतान करे।
(12) कार्मिक की मृत्यु के बाद उसके कोई भी भुगतान बकाया है तो वह उसके नॉमिनी को किया जाता है इस हेतु पहले PM एवम Ifms 3.0 पर नॉमिनी ऐड करे उसके बाद सम्बन्धित ट्रेजरी से नॉमिनी की बैंक डिटेल्स को PM/Ifms पर अपडेट करवावे उसके बाद उनके बकाया कोई भी बिल हो वह बनावे।
मृतक कार्मिको के आश्रितो को यथाशीघ्र राहत प्रदान कर हमें सहयोग प्रदान करना चाहिए यह अपनी ड्यूटी के साथ साथ एक पूण्य का कार्य है।
नोट:- कार्मिक की मृत्यु के दिन को कार्य दिवस माना जाता है अतः मृत्यु प्रमाण पत्र में अंकित मृत्यु की दिनांक तक वेतन का भुगतान होगा एवं मृत्यु के अगले दिन से पारिवारिक पेंशन स्वीकृत होगी।