महात्मा गांधी स्कूल में नियुक्ति को लेकर बोनस अंक अवैध:हाई कोर्ट ने बोनस अंक देने की शर्त को बताया अवैध। अब बिना बोनस के बनेगी मेरिट।

*महात्मा गांधी स्कूल में नियुक्ति को लेकर बोनस अंक अवैध:हाई कोर्ट ने बोनस अंक देने की शर्त का बताया अवैध, बिना बोनस अंक मैरिट बनाने की निर्देशजयपुरप्रदेश की महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में नियुक्ति को लेकर बोनस अंक के प्रावधान को हाई कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है। जस्टिस अनूप कुमार ढ़ंढ की अदालत ने यह आदेश मोहनलाल शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।दरअसल, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षक, प्रिंसिपल और कार्मिकों की नियुक्ति के लिए 11 जुलाई को विभागीय भर्ती निकाली थी। विज्ञप्ति में विभाग ने बोनस अंक देने का प्रावधान किया।विज्ञप्ति के अनुसार जो कार्मिक पहले से जिस जिले में कार्यरत हैं। वह अगर उसी जिले को नियुक्ति के लिए प्रथम विकल्प के रूप में चुनता है तो उसे लिखित परीक्षा में प्राप्त अंको के अलावा 10 अंक बोनस के दिए जाएंगे। जिसे अन्य कार्मिकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।*नियमों में बोनस अंक देने का प्रावधान नहीं*याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि महात्मा गांधी स्कूलों में नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग ने राजस्थान सिविल सर्विस (स्पेशल सलेक्शन एंड स्पेशल कंडिशन ऑफ सर्विस फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ पर्सनल इन द् इंग्लिश मीडियम स्कूल) रूल्स 2013 बनाए थे।इन नियमों में कहीं भी बोनस अंक देने का प्रावधान नहीं था। लेकिन इस साल विभाग ने भर्ती में बोनस अंक देने की शर्त जोड़ दी। जो कि नियम विरूद्ध हैं। उन्होने बताया कि विभाग ने भर्ती को लेकर 25 अगस्त को लिखित परीक्षा आयोजित करवाई थी। लेकिन जोधपुर हाई कोर्ट ने परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी।*बिना बोनस अंक के बनाए मैरिट*हाई कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि भर्ती में केवल जिले के आधार पर बोनस अंक देना गलत हैं। यह आर्टिकल-14 का उल्लंखन हैं। वहीं विभाग ने रूल्स में भी बोनस अंक का प्रावधान नहीं किया हैं। केवल विज्ञप्ति में शर्त जोड़ देने से बोनस अंक नहीं दिए जा सकते है। ऐसे में बोनस अंक की शर्त को अवैध करार देते हुए कोर्ट ने विभाग को बिना बोनस अंक के आधार पर मैरिट बनाने के आदेश दिए हैं।

Leave a Comment