भजनलाल सरकार की बेटियों को बड़ी सौगात, राज्य में जन्म के साथ ही लाडो बनेंगी लखपति

जयपुर: राजस्थान में अब बेटी किसी पिता के लिए बोझ नहीं होगी. बेटी के जन्म के साथ ही उसका लखपति बनना तय है. राज्य की भजनलाल सरकार ने बेटियों को बड़ा तोहफा देते हुए लाडो प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को उदयपुर में महिला सम्मेलन में लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत पहले दिन एक लाख लाभार्थियों को पहली किस्त के रूप में 2500 रुपए ट्रांसफर किए. वहीं, 1 अगस्त, 2024 के बाद जन्मी हर बेटी को एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. यह राशि सात किस्तों में उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी.

क्या है लाडो प्रोत्साहन योजना:

दरअसल, सीएम भजनलाल ने बेटियों को दी जाने वाली राशि को दोगुना करने का फैसला किया था. पहले जहां मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत बेटियों को 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलती थी, लेकिन पिछले दिनों इस राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया था. योजना का नाम राजश्री से बदलकर लाडो प्रोत्साहन कर दिया गया. नाम बदलने के साथ ही राशि को दोगुना कर दिया गया. इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं. शर्तें पूरी करने वाली बालिकाओं को सात किस्तों में पूरे एक लाख रुपए मिलेंगे. इसमें खास बात यह है कि राजस्थान लाडो प्रोत्साहन योजना 2024 का लाभ केवल सरकारी स्कूल ही नहीं, बल्कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी मिलेगा. राजस्थान की हर बेटी अब इस योजना का लाभ उठा सकेगी. यह योजना किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं है, बल्कि सभी वर्गों के लिए है. इस योजना में किसी विशेष जाति, धर्म, वर्ग या आयु सीमा की बंदिश नहीं है. सभी वर्ग की बालिकाओं को इस योजना के लिए पात्र माना गया है. पहली और दूसरी से लेकर सभी किस्त निरंतर लेने वाली बालिकाएं ही योजना का लाभ उठा सकती है,अगर पहली और दूसरी किस्त नहीं ली तो शेष किस्तें नहीं दी जाएगी.

लाडो को बोझ न समझे:

लाडो प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन देना है. साथ ही उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बालिग होने तक हर खर्च में सरकार सहयोग देना चाहती है, जो लोग अब तक बेटियों के जन्म को बोझ समझते थे. उन लोगों की सोच बदलने के लिए सरकार ने इस योजना को लागू किया है. बालिका के जन्म से लेकर स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने तक सरकार बालिका को आर्थिक सहायता दे रही है, ताकि गरीब और वंचित वर्ग के लिए कोई बोझ न हो. राजस्थान में इस योजना के तहत हर साल करीब 5 लाख बेटियों को यह सहायता दी जाएगी. बेटियों के जन्म के साथ ही घर बैठे उन्हें एक लाख रुपए का संकल्प पत्र मिलेगा, जिसे ओजस पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकेगा. राशि का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे अभिभावकों को किसी भी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

ऐसे मिलेगी राशि:

पहली किस्त के रूप में 2500 रुपए बेटी के जन्म होने पर (सरकारी या सरकार से मान्यता प्राप्त अस्पताल में)
दूसरी किस्त के रूप में 2500 रुपए टीकाकरण पूरा होने पर (जन्म से एक साल तक)
तीसरी किस्त के रूप में 4,000 रुपए स्कूल में पहली कक्षा में एडमिशन लेने पर.
चौथी किस्त के रूप में 5,000 रुपए पांचवीं पास करके छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर.
पांचवीं किस्त के रूप में 11,000 रुपए दसवीं कक्षा में प्रवेश लेने पर.
छठी किस्त के रूप में 25,000 रुपए 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर
सातवीं किस्त के रूप में 50,000 रुपए स्नातक होने और 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर.

केवल राजस्थान के बाशिंदों के लिए है ये योजना:

राजस्थान लाडो प्रोत्साहन योजना के लिए वही बालिकाएं पात्र होंगी, जिनकी माता राजस्थान की मूल निवासी हो. गर्भवती महिला को एएनसी जांच के समय राजस्थान का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र पेश करना होगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी विशेष लिंक पर ऑनलाइन आवेदन नहीं करना है. गर्भवती महिला के जांच के समय के दस्तावेजों के बाद जब अस्पताल में बच्ची का जन्म हो, उस समय के दस्तावेज पीसीटीएस पोर्टल पर अपलोड करना है. बेटी का जन्म होने की पुष्टि होते ही माता-पिता के बैंक खाते में पहली किस्त आ जाएगी. उसके बाद बच्ची की ट्रेकिंग के लिए एक यूनिट आईडी दी जाएगी. उसी आईडी के आधार पर शेष किस्त मिलती रहेगी.

महिला शिक्षित होगी तो प्रदेश आगे बढ़ेगा:

डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने कहा कि प्रदेश की सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है. महिलाएं किस तरह से आगे बढ़े इसको लेकर कई तरह की योजनाओं को लागू किया गया है. लाडो प्रोत्साहन योजना भी उनमें से एक है. बच्चियों जब पढ़ी लिखी होंगी, तो वह प्रदेश को आगे बढ़ाने में भी काम आएगा. राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाना है, तो महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब महिला घर का मैनेजमेंट संभाल सकती है, तो अन्य काम भी कर सकती है. महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण तो आपका भजन सरकार में देख सकते हैं, जहां पर एक महिला खजाने का जिम्मा संभाल रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वित्त मंत्री के तौर पर मुझे यानी दीया कुमारी को एक जिम्मेदारी दी हुई है. इसलिए मैं कहती हूं कि महिलाएं पड़ेगी तो प्रदेश आगे बढ़ेगा.

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